मतलबी हो गए
मतलबी हो गए
काम निकाल बड़े पराए हो गए,
किस्से यह बातों के पुराने हो गए।
अपना समझा था बेगाने हो गए,
लोग मतलब के दीवाने हो गए।
रिश्ता जिनसे था कभी प्रीत का,
दिल से जुड़े उस मनमीत का।
दोस्त सारे हम नवी हो गए,
मतलब निकाल अजनबी हो गए।
खून के थे जिन से रिश्ते बड़े,
दूर-दूर देखे अब वह तो खड़े।
मतलब के रिश्ते सभी हो गए,
मतलब निकाल अजनबी हो गए।
आज कल की दुनिया को देखो जरा,
फेसबुक ट्विटर पर रिश्ते बनाने लगे।
फोटो को मेरी जो देखा उसने जरा,
दिल उसी से भला अब लगाने लगे।
बनाए कई अलग नाम से अकाउंट,
बात कर देखा बड़े हमदर्द थे लगे।
समझ में आ गई उसकी जब चाल,
पल में देखो अजनबी हो गए।
कहांँ है रिश्तो में पहले सी बात,
हर रिश्ता लगा , लगाए हो घात।
लक्ष्मी की पूजा करे सब यहांँ,
मां-बाप देखो अजनबी हो गए।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
Shashank मणि Yadava 'सनम'
25-Aug-2023 05:57 AM
खूबसूरत और यथार्थ चित्रण आज के समाज का
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Reena yadav
08-Aug-2023 05:29 PM
👍👍
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राजीव भारती
08-Aug-2023 03:16 PM
जी बेहद ही उम्दा रचना।
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